पहले भी हो चुकी हैं चयनित –
दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिए इंटरव्यू में रोमा कहती हैं कि साल 2019 की सफलता उन्हें चौथे प्रयास में मिली है. इसके पहले भी दो बार रोमा यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सेलेक्ट हो चुकी हैं और रैंक के अनुसार उन्हें सेवाएं एलॉट हुई थी. साल 2017 में पहली बार चयन होने पर रोमा को मिली थी इंडियन पोस्ट एंड टेलीकॉम सर्विस. रोमा इससे संतुष्ट नहीं थी इसलिए उन्होंने फिर परीक्षा दी और साल 2018 में दोबारा चयनित हुईं. इस साल भी रैंक के अनुसार उन्हें मिली आईपीएस सेवा. रोमा इससे भी संतुष्ट नहीं हुईं और उन्होंने फिर प्रयास किया. अंततः साल 2019 की परीक्षा में रोमा को 70वीं रैंक मिली और अपने मन की सेवा आईएएस के लिए उनका चयन पक्का हुआ. इस प्रकार रोमा ने कुल चार अटेम्पट्स दिए और तीन में लगातार सेलेक्ट हुईं और यह लगातार तीसरी सेवा भी है जो यूपीएससी के अंतर्गत उन्हें मिली है. रोमा ने अपनी पूरी तैयारी सेल्फ स्टडी से की है और तैयारी के इन पांच या छः सालों में कभी कोचिंग नहीं ली.
ऐसा था तैयारी को लेकर नजरिया –
अपने साक्षात्कार में रोमा आगे कहती हैं कि इस परीक्षा के तीन चरणों में से सबसे पहले आता है प्री. इसके लिए वे मानती हैं कि केवल कट-ऑफ मार्क्स पाने पर फोकस करें क्योंकि यहां से कोई मेरिट नहीं बननी है. जैसे-तैसे बस कट-ऑफ निकल जाए. हालांकि यह आसान नहीं होता और हर साल लाखों स्टूडेंट्स इस परीक्षा में बैठते हैं. प्री की तैयारी के लिए रोमा स्टैंडर्ड बुक्स पढ़ने की सलाह देती हैं साथ ही टेस्ट पेपर सॉल्व करने पर बहुत फोकस करती हैं. वे कहती हैं कि एक बार तैयारी पूरी हो जाए तो खूब टेस्ट पेपर दें. इससे एक तो आपकी प्रैक्टिस हो जाती है, दूसरा आपको अपनी कमियां पता चल जाती हैं. उन्होंने भी प्री परीक्षा के पहले कम से कम 50 या 60 मॉक टेस्ट दिए थे. रोमा अपनी तैयारी के विषय में कहती हैं कि चूंकि वे इंजीनियरिंग और एमबीए कर चुकी हैं इसलिए सी-सैट के लिए उन्हें विशेष तैयारी नहीं करनी पड़ी. उनकी मुख्य मेहनत जीएस की तैयारी में लगी. इसकी किताबों की लिस्ट भी उन्होंने नेट से निकाली और पिछले साल के पेपर देखकर क्लियर हुईं की तैयारी कैसे करनी है. चूंकि वे साइंस स्टूडेंट्स थी इसलिए आर्ट्स में उन्हें दिक्कत आयी, जिसके लिए उन्होंने यूट्यूब का रुख किया. यह सिलसिला जो एक बार शुरू हुआ तो पूरी तैयारी के दौरान चला.
कभी नहीं पढ़ा फिजिकल पेपर –
रोमा कहती हैं कि प्री परीक्षा में भी ऐसे प्रश्न करके आएं कि सेलेक्शन का चांस पक्का हो जाए ताकि प्री देने के बाद का समय रिजल्ट के इंतजार में खराब न हो और उसी समय से मेन्स की तैयारी शुरू कर दें. वे आगे बताती हैं कि जो विषय उन्हें समझ नहीं आता था वे यूट्यूब से समझती थी क्योंकि यहां बकायदा हर विषय के लेक्चर दिए होते हैं जो अनुभवी फैकल्टी द्वारा सिखाये जाते हैं. बची कोई मदद चाहिए होती थी तो वेबसाइट्स से मिल जाती थी. रोमा कहती हैं कि ये वेबसाइट्स और यूट्यूब ही उनके लिए कोचिंग साबित हुए. यही नहीं वे आगे बताती हैं कि उनके पास समय की बहुत कमी रहती थी इसलिए उन्होंने कभी फिजिकल पेपर नहीं पढ़ा. इंटरनेट पर ऐसी बहुत सी साइट्स हैं जो आईएएस की प्रिपरेशन को लेकर डेडिकेटेड हैं. इन साइट्स पर रोज दिन भर के करेंट अफेयर्स का कंपाइलेशन आ जाता था, जिससे वे तैयारी करती थी. रोमा कहती हैं फिजिकल पेपर पढ़ने में बहुत समय लगता है और आपको खुद देखना होता है कि क्या पढ़ें और क्या छोड़ें. जबकि इन वेबसाइट्स पर केवल काम का मैटीरियल ही आता है जिसे वे कोई दूसरा काम करते वक्त जैसे खाना खाते वक्त भी इन्हें सुनती रहती थी. इससे उनकी तैयारी भी हो जाती थी और समय भी बचता था. इस प्रकार सभी विषयों को बराबर महत्व देकर, यूपीएससी के सिलेबस के अनुसार पढ़कर और खूब टेस्ट देकर रोमा ने यह परीक्षा बार-बार पास की.
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