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Showing posts from August, 2020

ग़रीब बच्चों की शिक्षा के लिए मुंबई की लोकल ट्रेनों में भीख मांगता प्रोफेसर

                BY   MY COLLEGE NOTIFIER अपनी ज़िन्दगी को जीने के कई तरीके होते हैं लेकिन अगर हम किसी के चेहरे पर मुस्कराहट ला सकें तो शायद ये हमारे ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सफलता होगी। मुंबई के प्रोफेसर संदीप देसाई कुछ ऐसे ही प्रयास में जुटे हैं जहाँ वे हज़ारों ग़रीब बच्चों को शिक्षित कर उनके चेहरों पर मुस्कराहट ला रहे हैं जिसके लिए वे लोकल ट्रेनों में भीख मांग कर पैसे इकठ्ठा करते हैं। लोगों से मिली इस सहायता से प्रो संदीप पिछले 5-6 सालों में आज करीब एक करोड़ रुपये इकठ्ठा कर चुके हैं और मुंबई और राजस्थान में करीब 500 बच्चों की मुफ्त शिक्षा का प्रबंध करते हैं। संदीप देसाई पेशे से एक मरीन इंजीनियर थे और बाद में देश के मशहूर मैनेजमेंट कॉलेज SP Jain Institute Of Management के प्रोफेसर बने। लेकिन ग़रीब बच्चों को पढ़ाने के अपने मिशन के लिए उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी। पांच साल पहले जब इन्होंने बच्चों को पढ़ाने का सपना देखा तो पैसों की कमी बहुत बड़ी बाधा बनकर सामने आई। लेकिन बजाय हिम्मत हारने के, ये लोकल ट्रेनों में भीख भी मांगने के लिए तैयार हो गए। प्रो संदीप ट्रेनों में लोगों को अप

YouTube पर वीडियो अपलोड कर हो सकती है बंपर कमाई

              BY   MY COLLEGE NOTIFIER  आज के युवा बिज़नेस की तरफ ज्यादा आर्कषित हो रहे हैं,क्योंकि बिज़नेस में आपको किसी और पर आधारित नहीं रहना पड़ता है. ऐसे में आप अपनी रुचि के हिसाब से बिज़नेस प्लान करें, इससे आपके सफ़र की शुरुआत आसन होगी. वैसे आज के समय में YouTube एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां आप अपने अंदर छुपे हुए टैलेंट को पूरी दुनिया को दिखा सकते हैं. अगर आप विडियो बनाने का शौक रखते हैं तो आप इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अच्छी कमाई कर सकते हैं. आइए जानते है YouTube से आप कैसे कमाई कर सकते हैं. बनाएं YouTube चैनल:- अगर आप घर बैठे हुए YouTube से पैसे कमाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपना YouTube channel बनाएं. इसके बाद अपनी Gmail account से यूट्यूब पर लॉगिन करें और My Channel ऑप्शन पर क्लिक कर अपने चैनल का एक अच्छा सा नाम दे. यूट्यूब चैनल को क्रिएट करने के बाद आप खुद के बनाए हुए वीडियो अपलोड करना शुरू कर सकते हैं.ऐसे में अगर आपको यूट्यूब से जल्दी कमाई करनी है, तो हफ्ते में कम से कम 2 वीडियो जरूर अपलोड करें. टैग और डिस्क्रिप्शन का रखे ध्यान: - YouTube channel पर वीडियो अपलोड करते समय डिस्क्रिप्श

बिहार के एक छोटे से गाँव से उभरा बॉलीवुड का अनोखा सितारा

             BY MY COLLEGE NOTIFIER बॉलीवुड की चकाचौंध ने हमेशा ही अनगिनत कलाकारों को अपनी ओर खींचा है लेकिन इसमें सफलता उन्हीं को मिली है जिन्होंने अपने अथक परिश्रम और दृढ़ विश्वास के साथ इस ओर कदम बढ़ाया है। आज भारतीय फिल्म जगत में तेजी से उभरते अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अपनी लगन ओर विश्वास के बल पर अपनी एक खास जगह बनाई है। बिहार के एक छोटे से गाँव गोपालगंज से इस कलाकार ने अपना सफर शुरू किया। बचपन से ही गाँव में ये नाटक आदि में गहरी रूचि लिया करते थे। इसलिए घर वालों की इच्छा के विरुद्ध अभिनय को ही अपना लक्ष्य बनाया। हालाँकि इन्होंने पटना स्थित Food & Craft Institute से डिप्लोमा लेकर दो साल तक पटना के ही मौर्या होटल में नौकरी भी की। लेकिन वे अभिनय के अपने जुनून को रोक नहीं सके और दिल्ली के NSD से अभिनय की यात्रा पर निकल पड़े। शुरूआती दौर में NSD के अंग्रेजी माहौल में इन्हें काफी तकलीफें भी हुई लेकिन अभिनय में अपनी कुशलता के चलते इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। इसी दौरान साल 2004 में इन्हें अपनी पहली फिल्म "Run" की लिए मौका मिला जिसमें इनके अभिनय की काफी प्रशंसा हुई। लेकि

40 बार असफल हुए लेकिन फिर भी कम नहीं हुआ हौंसला, ऐसे UPSC क्लियर कर बने IRS अफसर

                 BY MY COLLEGE NOTIFIER अगर हौंसले बुलंद हो तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता। चाहे फिर वो कितनी भी बार हार जाए, लेकिन जीत को सपना जरूर देखता है और एक दिन अपने सपने को साकार भी कर लेता है। जैसे IRS अफसर अवध किशोर पवार ने कर दिखाया था। जानते हैं आप अवध किशोर पवार 40 बार असफल हुए, लेकिन कभी हार नहीं मानी और एक दिन सफलता हासिल की। आज हम आपको IRS अफसर अवध किशोर पवार के सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं। अवध किशोर पवार ने कम से कम 40 बार परीक्षा दी है और फेल हुए हैं, लेकिन एक दिन अपनी पूरी मेहनत से देश की सबसे मुश्किल परीक्षा माने जाने वाली UPSC को पास कर ही लिया और आज IRS अफसर की कुर्सी पर बैठे हैं। अपने बारे में बात करते हुए अवध किशोर पवार बताते हैं कि जब भी वो किसी रिक्शा चलाने वाले के बेटे ने UPSC की परीक्षा के लिए तैयारी, या पास होते हुए या उसे इंटरव्यू देते हुए देखा करते थे को उससे काफी प्रभावित होते थे। साथ ही काफी प्रेरित भी होते थे। Success Story of IRS officer Awadh Kishore Pawar अवध किशोर पवार बताते हैं कि वो शुरुआत से ही Civil services की परीक्षा देना चाहते थे। एक दिन

गरीबी से जंग जीतकर IAS बने जूते बेचने वाले शुभम गुप्ता, जानें संघर्ष की कहानी

                  BY MY COLLEGE NOTIFIER  आज हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने गरीबी से दो-दो हाथ कर के कामयाबी का गले से लगाया है और अपने परिवार वालों को भी गर्व को एहसास करवाया है। एक समय ऐसा था कि इसके पास पढ़ने कर के लिए कुछ नहीं था और आज ये लड़का एक बड़ा अफसर बन चुका है। इस लड़के ने पिता का हाथ बंटाने काम में अपना पूरा सहयोग किया लेकिन उसने अफसर बनने के अपने सपने को भी जिंदा रखा। ये कहानी है शुभम गुप्ता की।  शुभम गुप्ता राजस्थान के रहने वाले हैं और उनके सर पर काफी कम उम्र में ही अपनी पिता के साथ मिलकर घर की जिम्मेदारियों को निभाने का भोज आ गिरा था, लेकिन उनके परिवार ने कभी शुभम को इन सभी जिम्मेदारियों की भट्टी में नहीं झोंका। परिवार के हालात को समझते हुए शुभम ने खुद यह निर्णय लिया और अपने पिता के साथ लग गए काम पर। आपको यह जान करा काफी हैरानी होगी कि शुभम ने AIR रैंक6 हालिस की। शुभम गुप्ता का बचपन भी जिम्मेदारियां निभाते बीता है, वेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। बचपन से ही परिवार संभालने के लिए पिता के साथ किया काम शुभम की शुरूआती शिक्षा जयपुर, राजस्थान से हुई,

94 साल कि उम्र में शुरु किया बिज़नेस, देश की बड़ी हस्तियां भी कर रही इस महिला की तारीफ

                BY  MY COLLEGE NOTIFIER बुढ़ापा एक ऐसी उम्र होती है जहां पर लोग अपने पोती पोतियों के साथ खेलना और तीर्थ यात्रा जैसी ख़्वाहिशे रखते हैं। क्योंकि समाज की धारणा यही है की बुढ़ापे को राम नाम के साथ बिता देना चाहिए। लेकिन जब दिल में कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो आप किसी भी उम्र में कोई भी काम आसानी से कर सकते है। बस जरुरी है तो आपके अंदर से निकलने वाली उस आवाज़ की जो सिर्फ यही कहे “ कि हां मैं यह कर सकता/सकती हूं ” ऐसी ही एक आवाज़ सुनी है चंडीगढ़ की रहने वाली हरभजन कौर ने जिनकी उम्र 94 साल है। आपको जानकर यह हैरानी होगी कि वह इस उम्र में एक एंटरप्रेन्योर बनी है। क्योंकि उनकी अपनी चाहत थी कि वह जिंदगी में कभी अपने द्वारा किये गये काम से कुछ पैसे कमाएं। इसलिए आज वह बेसन की बर्फी और कई तरह के अचार बनाकर अपना बिज़नेस कर रही है।  ऐसे शुरु हुआ सफर एक बार बातों ही बातों में हरभज़न कौर से उनकी बेटी रवीना सूरी ने यह पूछ लिया कि आपको आज भी किस काम का अफसोस होता है कि जो आप जिंदगी में करना चाहती थी लेकिन किसी कारण वश नहीं कर पाई। उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने कभी खुद के किये गये काम स

जब कुछ नहीं था तब साथ निभाया और आज हैं Google के CEO की पत्नी

                          BY  MY COLLEGE NOTIFIER ऐसे न जाने कितने रिश्ते हैं, जो सिर्फ इसलिए टूट गए क्योंकि कपल लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप संभाल नहीं सके और कम्यूनिकेशन गैप उनके रिश्ते को खोखला करता चला गया। लेकिन अगर प्यार और विश्वास सच्चा हो, तो ये चीजें भी रिश्ते को कमजोर नहीं कर पाती हैं और इसका उदाहरण सुंदर पिचाई की लव स्टोरी है। सुंदर पिचाई ऐसा नाम है, जिसके बारे में कौन नहीं जानता होगा? गूगल जैसी कंपनी के सीईओ के पद को इस शख्स ने जितनी मेहनत से पाया, उतना ही सैक्रफाइस उनकी पत्नी अजंलि पिचाई ने भी किया है। एक शख्स जिसके पास पहले फोन पर बात करने तक के पैसे नहीं थे, उसके साथ हर मुश्किल में साथ देना और सफलता की वजह बन जाना, ये दिखाता है कि ऐसी लव स्टोरीज सिर्फ फिल्मों में ही नहीं होतीं। साधारण परिवार से आते हैं सुंदर सुंदर पिचाई एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं। उनका बचपन ऐसी जगह पर गुजरा, जहां उनके पास न तो टीवी था और ना ही उनके पैरंट्स कार अफोर्ड कर सकते थे। यही वजह है कि आज भी सुंदर के लिए एक-एक चीज वैल्यू रखती है और वह सबका महत्व समझते हैं। उनकी यही खासियत अंजलि को भी पसंद आई थी।

16 वर्ष में पास की एम्स परीक्षा, 22 की उम्र में IAS और फिर नौकरी छोड़ बच्चों को फ्री कोचिंग देने लगे

                BY  MY COLLEGE NOTIFIER साल 2016 में जून के महीने का एक दिन था जब हर अखबार ने बड़ी बड़ी हेडलाइन के साथ छापा था कि देश के सबसे युवा आईएएस अफसर में गिने जाने वाले रोमन सैनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वजह थी आईएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे उन युवाओं को फ्री में कोचिंग देना जो पैसों की कमी से यहां तक नहीं पहुंच पाते। जिस रुतबे वाली नौकरी पाने को देश का हर युवा तरसता है, उन्होंने ये नौकरी फ्री कोचिंग स्टार्ट अप शुरू करने के लिये छोड़ दी। ये पहली बार था जब किसी युवा आइएएस अफसर ने इस तरह के किसी कारण से इस्तीफा दिया था। जिस कोचिंग संस्था में काम करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ी उसका नाम है अनएकेडमी जो आज नंबर वन डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म है। वे इसके फाउंडर में से एक हैं। रोमन सैनी ने अपनी पढ़ाई करते हुए शिक्षा में बढ़ते पूंजीवाद और बाजारवाद के प्रभाव को महसूस किया था। शिक्षा सभी तक पहुंचे इसके लिए उन्होंने अपने इस फैसले को एक छोटा सा प्रयास बताया। रोमन सैनी ने 22 साल की उम्र में बिना किसी कोचिंग के पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की थी। वो देश के

इस तरह कड़ी मेहनत और संघर्ष झेल कर IAS अफसर बना चाय बेचने वाले का बेटा

                   BY  MY COLLEGE NOTIFIER  आपने कई अफसरो की कहानियां सुनी है जो कड़ी मेहनत से ऊंचाइयां छू रहे हैं और अपने घर वालों का नाम रोशन कर रहे हैं। इन अफरसों में कोई किसान का बेटा है तो कोई किसी दुकानदार का बेटा है। आज हम आपको जिसके बारे में बताने जा रहे हैं वो भी इस तरह के संघर्ष को झेलकर और कड़ी मेहनत से आज अफसर की कुर्सी पर बैठे हैं। हम बात कर रहे हैं यूपी की बरेली के एक छोटे से गांव सिरॉली के रहने वाले हिमांशु गुप्ता की। इस तरह कड़ी मेहनत और संघर्ष झेल कर IAS अफसर बना चाय बेचने वाले का बेटा हिमांशु गुप्ता अक्सर ही जब टीवी पर बड़े और सक्सेसफुल लोगों की जीवनशैली देखते थे तो उससे बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ करते थे। हिमांशु चाहते थे कि एक दिन वो भी ऐसी जिंदगी का हिस्सा बनें और सच्च भी यही निकला कि एक दिहाड़ी कमाने वाले के बेटे ने अपने सपनों को कभी टूटने नहीं दिया। बल्कि उन्हें बुना और बहुत प्यार से बुना। आखिरकार अपने पिता के साथ टी-स्टॉल पर चाय बेचने वाला हिमांशु गुप्ता Union Public Service Commission Civil Service Exam पास करके IPS अफसर बना। Success Story of IAS Himanshu Gupta :

हिंदी मीडियम का छात्र अनिरुद्ध सिंह ऐसे बने IAS का टॉपर

                 BY  MY COLLEGE NOTIFIER आज हम जिन IAS Indian Administrative Service टॉपर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। उनके संघर्ष की कहानी कुछ अलग ही है। उनके लिए शुरूआत में UPSC पास करना आसान नहीं था। उन्होंने भी बाकी के तमाम छात्रों की तरह ही बेहद तैयारियां की उसके बाद कही जा कर उनको टॉपर का दर्जा मिला। हिंदी मीडियम होने के चलते किया परेशानियों को पार खास कर ये सफर उनके लिए काफी मुश्किलें खड़ी करता है जो हिंदी मीडियम के छात्र कहलाते हैं। हन ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इससे पहले भी हिंदी मीडियम के छात्रों को UPSC टॉप करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। खास कर इंटरव्यू का समय जो आपको इस बात की याद दिला देता है कि आपने अब केवल हिंदी मीडियम ही पढ़ा है। अंग्रेजी मीडियम अभी बाकी है, क्योंकि ज्यादातर इंटरव्यू अंग्रेजी में किया जाता है। UPSC की परीक्षा में अनिरुद्ध ने हासिल की थी ओवरऑल 146रैंक  ऐसा ही कुछ मुश्किलों भरा कानपुर के रहने वाले अनिरुद्ध सिंह के लिए भी रहा है। अनिरुद्ध सिंह सफल हिंदी मीडियम से UPSC की परीक्षा देने वाले और पूरे देश में पहला स्छान प्राप्त करने वाल

बांस की टोकरियां बेचकर पालने वाली मां के छलक पड़े थे आंसू जब IAS बनकर घर आया बेटा, लकड़ी काट-काटकर की पढ़ाई

               BY MY COLLEGE NOTIFIER जानिए कैसे गरीबी, सुविधाओं की कमी होते हुए भी स्टेशन पर पढ़कर इस शख्स ने देश का अफसर बनकर दिखाया है। तमिलनाडु के तंजावुर जिले के रहने वाले एम शिवागुरू प्रभाकरन के परिवार की हालत अच्छी नहीं थी। उनके पिता शराबी थे और मां और बहन बांस की टोकरी बुनती। इन टोकरियों को बेचकर ही मां घर का खर्च चलाती थीं। बेटा पढ़ाई में बहुत अच्छा था लेकिन शराबी पिता की वजह से घर की जिम्मेदारी उस पर आ गई। घर की जिम्मेदारियों के चलते प्रभाकरन ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। पर वो बचपन से ही इंजीनियर बनना चाहते थे जिसकी कसक उन्हें लकड़ी काटते वक्त कचोटती रही। पढ़ाई छोड़ने के बाद प्रभाकरन ने 2 साल तक आरा मशीन में लकड़ी काटने का काम किया। प्रभाकरन ने मजदूरी भी की। वह मजदूरी करते और फिर स्टेशन पर जाकर पढ़ाई करते। घर की आर्थिक स्थिती इतनी खराब थी कि मां को बांस की टोकरियां बुन दरदर जाकर बेचना पड़ता था। बेटे के दिल में सरकारी अफसर बनने की आग थी लेकिन हाय री गरीबी। उसे पढ़ाई नहीं मजदूरी करनी पड़ रही थी। प्रभाकरन ने भले ही पढ़ाई छोड़ दी थी लेकिन उन्होंने अपने सपने को मरने नहीं दिया

आईएएस ऑफिसर साक्षी गर्ग ने 12 th पास करने के बाद ही IAS बनने का मन बना लिया था

             BY  MY COLLEGE NOTIFIER यूपीएससी (UPSC) की लिस्ट में साक्षी 350वें नंवर पर है। हिंदी मीडियम में साक्षी यूपीएससी में दूसरे स्थान पर हैं, यूपीएससी का जब से रिजल्ट आया है उसके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। आम आदमी से लेकर शासन प्रशासन और मीडिया के लोगों का साक्षी के घर आना-जाना लगा हुआ है। महज 22 साल की उम्र में मिली इस कामयाबी से परिवार के लोग काफी खुश हैं, सोनभद्र जिले के राबर्ट्सगंज (Robertsganj) में अपनेआप में यह इस तरह की अकेली और पहली कामयाबी है। UPSC Indian Administrative Service उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिलाध्यक्ष रतनलाल गर्ग के दूसरे पुत्र कृष्ण कुमार गर्ग की सबसे बड़ी बेटी साक्षी गर्ग ने दसवीं तक की शिक्षा नगर के ही संत जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (St. Xavier’s Higher Secondary School) से प्राप्त की। वर्ष 2010 में 76.1 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण होने के बाद इन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई प्रकाश जीनियस इंटर कालेज से की। वर्ष 2012 में गणित विषय से पढ़ाई करते हुए 81.4 फीसद अंक हासिल किया। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई इन्होंने राजकीय महिला डिग्री काले

मेहनत और विश्वास ने दिए ऊँचे मुकाम,फुटपाथ से करोड़ों का व्यापारी बनने की दास्ताँ

                    BY  MY COLLEGE NOTIFIER. अक्सर लोग कहते हैं कि मेहनत का  फल मीठा होता है, देर से ही सही लेकिन हमें मिलता जरूर है, इसी कहावत को असल ज़िन्दगी में सच कर दिखाया जयपुर के  चांद बिहारी अग्रवाल ने। जिन्हे कभी परिवार के ख़ातिर  सड़कों पर पकौड़े बेचने पड़े थे, वहीं आज सैंकड़ों लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। जयपुर में पैदा हुए चांद बिहारी अग्रवाल का बचपन काफी मुसीबतों से भरा रहा ,उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके पिता  को सट्टा खेलने की आदत थी और इसी सट्टेबाजी से उन्होंने पैसे भी कमाए, वो कहावत है कि भाग्य हमेशा एक जैसा नहीं रहता कब पलट जाए इसका अंदाज़ा भी नहीं होता। कुछ ऐसा ही हुआ चांद बिहारी के पिता के साथ भी, वो  सट्टेबाजी में सारे पैसे हार गए और घर की हालत बद से बतर हो गई। घर की हालत इतनी ज्यादा ख़राब हो गई कि चांद बिहारी स्कूल ही नहीं जा पाए और उनकी मां के कंधों पर पूरे घर का बोझ आ गिरा। बचपन से ही चांद बिहारी जीवन में कुछ बड़ा करने का सपना संजोय रहे थे, लेकिन घर की स्थिति को देखते हुए उन्हें अपने सपनों का गला दबाना पड़ा।  उन्हें चंद रुपए के लिए काफी कठिन परिश

मासूम बेटे की दर्दनाक मौत ने बदल दिया जीवन का उदेश्य

                 BY  MY COLLEGE NOTIFIER कुछ कर गुजरने की चाह हो तो नामुमकिन काम भी मुमकिन सा  लगने लगता है, ऐसी ही एक शख्सियत हैं राजस्थान की रूमा देवी जिन्होंने सिर्फ 8वीं तक पढ़ाई करने के बावजूद भी दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया। राजस्थान के छोटे से गांव बाड़मेर की रहने वाली 8वीं पास रूमा देवी का बचपन गरीबी में ही गुज़रा। 5 साल की उम्र में उन्होंने अपनी मां को खो दिया, जिसके बाद उनके पिता ने दूसरी शादी रचा ली और रूमा देवी को अपने चाचा के पास रहना पड़ा। वह लगभग दस किलोमीटर दूर से पानी भरकर बैलगाड़ी से घर तक लाती थीं। परिवार वालों ने घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनकी शादी जल्दी ही कर दी, लेकिन ससुराल में भी आर्थिक तंगी से उनका पीछा नहीं छुटा और जैसे - तैसे करके परिवार का गुज़ारा होता रहा। शादी के लगभग डेढ़ साल बाद उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया, जिसके बाद उनके परिवार में चारों तरफ खुशी ही खुशी छा गई । लेकिन किस्मत को और कुछ  ही मंज़ूर था और किसी बीमारी से ग्रसित होने की वजह से 48 घंटे के अंदर ही उनके बच्चे ने दम तोड़ दिया। उस वक़्त रूमा देवी के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि किसी अ

YouTube के बारे हैरान कर देनेवाला सच।

             BY  MY COLLEGE NOTIFIER.         दोस्तों क्या आप जानते है की भारत के शायद 20 करोड़ लोग YouTube पे इस समय Active users है। YouTube पे इतने Users होते हुआ भी हम में से बहुत सारे लोग को यह मालूम नहीं होगा की YouTube आज World की एक ऐसी Video sharing service बन गयी है जिसके साथ हर कोई अपना Business build करके पैसा कामना चाहता है।                                                                                                                                                                    YouTube पर कही तरह के Videos देखते है फिर चाहे वह Entertainment हो या फिर Cooking, Meditation, Funny, Education लगभग सभी तरह की Categories के Quality videos हमें दिखने मिलते है और यही वजह है की आज YouTube के बिना शायद ही किसी को चलता होगा। तो आईये जानते है YouTube के बारे में आज कुछ इससे ही Interesting और मजेदार Facts । कैसे हुआ YouTube का जन्म ? दुनिया की सबसे बड़ी 'Online Payment company Paypal' में काम कर रहे तीन दोस्त Jawed Karim, Chad Hurley और Steve Chen ने Video sharing service ल