हिंदी मीडियम होने के चलते किया परेशानियों को पार
खास कर ये सफर उनके लिए काफी मुश्किलें खड़ी करता है जो हिंदी मीडियम के छात्र कहलाते हैं। हन ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इससे पहले भी हिंदी मीडियम के छात्रों को UPSC टॉप करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। खास कर इंटरव्यू का समय जो आपको इस बात की याद दिला देता है कि आपने अब केवल हिंदी मीडियम ही पढ़ा है। अंग्रेजी मीडियम अभी बाकी है, क्योंकि ज्यादातर इंटरव्यू अंग्रेजी में किया जाता है।
UPSC की परीक्षा में अनिरुद्ध ने हासिल की थी ओवरऑल 146रैंक
ऐसा ही कुछ मुश्किलों भरा कानपुर के रहने वाले अनिरुद्ध सिंह के लिए भी रहा है। अनिरुद्ध सिंह सफल हिंदी मीडियम से UPSC की परीक्षा देने वाले और पूरे देश में पहला स्छान प्राप्त करने वाले छात्र रहे। उनकी ओवरऑल रैंक 146 रही है। अनिरुद्ध फिलहाल असिस्टेंट कमिश्नर, सेल्स टैक्स के पद पर गाजियाबाद में तैनात हैं। साल 2016 में भी उन्होंने UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की थी। हालांकि हिंदी के कुछ कठिन शब्दों के चलते मेंस में पिछली साल उनके दस अंक कट गए थे।
Indian Administrative Service : अनिरुद्ध ने हर परिक्षा हिंदी में ही दी है
बस यही कारण था कि अनिरुद्ध की रैंकिंग पिछड़ गई थी। वहीं एक बार इंटरव्यू के दौरान अनिरुद्ध ने बताया था कि ज्यादातर प्रतियोगी अंग्रेजी में ही परीक्षा देते हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा हिंदी में ही परीक्षा दी। वहीं इससे पहले अनिरुद्ध तीन बार PCS में भी चयनित हो चुके हैं। उसमें भी हिंदी में ही परीक्षा दी थी। वहीं अगर अनिरुद्ध के परिवार की बात की जाए तो उनके पिता तारकेश्वर सिंह रिटायर्ड Deputy CTI और मां रंजू देवी गृहिणी हैं। साथ ही उनकी पत्नी आरती सिंह ने साल 2016 Union Public Serivice Commission Civll Service Exam में 118 रैंक हासिल की थी।
कई परिक्षाएं पास की हैं IAS अफसर अनिरुद्ध सिंह
वह हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग कर रही हैं। बता दें कि अनिरुद्ध ने BNSD शिक्षा निकेतन से हिंदी मीडियम में साल 2006 में 12वीं पास की। इसके बाद HBTI के कंप्यूटर साइंस ब्रांच में एडमिशन ले लिया। इसके बाद साल 2011 में B.Tech करने के बाद साल 2012 में यूपी PCS की परीक्षा में शामिल हुए और पहली बार में ही सफलता हासिल कर ली। इसके बाद साल 2013 में फिर PCS की परीक्षा पास कर Assistant Commissioner Sales Tax का पद पाया। फिर साल 2014 में DSP बने लेकिन ज्वाइन नहीं किया।
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