BY MY COLLEGE NOTIFIER
अपनी ज़िन्दगी को जीने के कई तरीके होते हैं लेकिन अगर हम किसी के चेहरे पर मुस्कराहट ला सकें तो शायद ये हमारे ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सफलता होगी।
मुंबई के प्रोफेसर संदीप देसाई कुछ ऐसे ही प्रयास में जुटे हैं जहाँ वे हज़ारों ग़रीब बच्चों को शिक्षित कर उनके चेहरों पर मुस्कराहट ला रहे हैं जिसके लिए वे लोकल ट्रेनों में भीख मांग कर पैसे इकठ्ठा करते हैं। लोगों से मिली इस सहायता से प्रो संदीप पिछले 5-6 सालों में आज करीब एक करोड़ रुपये इकठ्ठा कर चुके हैं और मुंबई और राजस्थान में करीब 500 बच्चों की मुफ्त शिक्षा का प्रबंध करते हैं।
संदीप देसाई पेशे से एक मरीन इंजीनियर थे और बाद में देश के मशहूर मैनेजमेंट कॉलेज SP Jain Institute Of Management के प्रोफेसर बने। लेकिन ग़रीब बच्चों को पढ़ाने के अपने मिशन के लिए उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़ दी।
पांच साल पहले जब इन्होंने बच्चों को पढ़ाने का सपना देखा तो पैसों की कमी बहुत बड़ी बाधा बनकर सामने आई। लेकिन बजाय हिम्मत हारने के, ये लोकल ट्रेनों में भीख भी मांगने के लिए तैयार हो गए। प्रो संदीप ट्रेनों में लोगों को अपने मिशन और शिक्षा के महत्त्व की जानकारी देते।
लोगों ने इनकी भावनाओं को समझा और बढ़-चढ़ कर इनकी मदद की। आज अपने इस प्रयास से महाराष्ट्र के सबसे पिछड़े जिले यवतमाल के करीब 150 ग़रीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं। साथ ही राजस्थान के उदयपुर जिले में भी करीब 300 बच्चों को भी शिक्षित करने में तत्पर हैं। ये इन ग़रीब बच्चों की क़िताबों और यूनिफार्म की भी व्यवस्था खुद ही करते हैं।
आज मुंबई की ट्रेनों में प्रो संदीप एक चित परिचित चेहरा हैं जो अपने मुहीम से ग़रीब और बेसहारा बच्चों की शिक्षा के मसीहा बन गए हैं।
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