BY MY COLLEGE NOTIFIER
बॉलीवुड की चकाचौंध ने हमेशा ही अनगिनत कलाकारों को अपनी ओर खींचा है लेकिन इसमें सफलता उन्हीं को मिली है जिन्होंने अपने अथक परिश्रम और दृढ़ विश्वास के साथ इस ओर कदम बढ़ाया है।
आज भारतीय फिल्म जगत में तेजी से उभरते अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अपनी लगन ओर विश्वास के बल पर अपनी एक खास जगह बनाई है।
बिहार के एक छोटे से गाँव गोपालगंज से इस कलाकार ने अपना सफर शुरू किया। बचपन से ही गाँव में ये नाटक आदि में गहरी रूचि लिया करते थे। इसलिए घर वालों की इच्छा के विरुद्ध अभिनय को ही अपना लक्ष्य बनाया।
हालाँकि इन्होंने पटना स्थित Food & Craft Institute से डिप्लोमा लेकर दो साल तक पटना के ही मौर्या होटल में नौकरी भी की। लेकिन वे अभिनय के अपने जुनून को रोक नहीं सके और दिल्ली के NSD से अभिनय की यात्रा पर निकल पड़े। शुरूआती दौर में NSD के अंग्रेजी माहौल में इन्हें काफी तकलीफें भी हुई लेकिन अभिनय में अपनी कुशलता के चलते इन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
इसी दौरान साल 2004 में इन्हें अपनी पहली फिल्म "Run" की लिए मौका मिला जिसमें इनके अभिनय की काफी प्रशंसा हुई। लेकिन इस सफलता से भी कुछ खास बात नहीं बनी। अगले 6-7 सालों तक कई प्रोडूसर्स और डायरेक्टरों के चक्कर काटते रहे। एक-दो छोटी-मोटी फ़िल्में भी मिलीं लेकिन इससे उन्हें कोई ख़ास सफलता हाथ नहीं लगी। इस बीच काम के आभाव के कारण इन्हें आर्थिक तंगी भी हुयी। ऐसे हालात में इन्हें अपने दोस्तों की शरण भी लेनी पड़ी।
आखिरकार साल 2012 में एक फिल्म आयी "Gangs Of वासेपुर" जिसके रिलीज़ होते ही बॉलीवुड में जैसे एक तहलका सा मच गया। लोग इनके अभिनय के क़ायल हो गए। फिर क्या था, एक छोटे से गाँव से उभरे इस सादगी भरे कलाकार ने अपनी धाक बनानी शुरू कर दी और एक के बाद एक “Newton, फुकरे, और निल बटे सन्नाटा" जैसी फिल्मों से अपनी दर्शकों के दिलों पर राज करने लगे।
आज पंकज त्रिपाठी भारतीय फिल्म उद्योग के ऐसे कलाकार है जिनके अभिनय का लोहा हर कोई मानता है। इतना ही नहीं, इनकी Web Series "मिर्ज़ापुर" ने भी आज इनकी प्रसिद्धि में चार चाँद लगा दिए हैं।
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