UPSC Indian Administrative Service
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के जिलाध्यक्ष रतनलाल गर्ग के दूसरे पुत्र कृष्ण कुमार गर्ग की सबसे बड़ी बेटी साक्षी गर्ग ने दसवीं तक की शिक्षा नगर के ही संत जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (St. Xavier’s Higher Secondary School) से प्राप्त की। वर्ष 2010 में 76.1 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण होने के बाद इन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई प्रकाश जीनियस इंटर कालेज से की। वर्ष 2012 में गणित विषय से पढ़ाई करते हुए 81.4 फीसद अंक हासिल किया। इसके बाद स्नातक की पढ़ाई इन्होंने राजकीय महिला डिग्री कालेज राबर्ट्सगंज से किया।
इसमें कला संकाय से पढ़कर 61 फीसद अंक हासिल किया। वर्ष 2015 में स्नातक (Graduate) पूरा करने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की तैयारी में जुट गईं। पहली बार परीक्षा में बैठीं लेकिन सफलता नहीं मिली। वर्ष 2017 में पुन: परीक्षा दीं और 350 वीं रैंक मिली। महज 22 साल की उम्र में मिली इस सफलता से परिवार के लोग काफी खुश हैं। साक्षी के पिता कहते हैं आइएएस बनना तो मेरा खुद का सपना था। मगर जब मेरा सपना पूरा नहीं हुआ तो मैंने अपनी बेटी को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उसने मेहनत किया और सफलता हासिल की।
12th पास करने के बाद ही IAS बनने का मन बना लिया था साक्षी ने
Indian Administrative Service साक्षी पढ़ाई में शुरू से ही अच्छी रही है और स्नातक तक की पढ़ाई उसने राबर्ट्सगंज में रहकर ही की है, हाईस्कूल में 76 प्रतिशत और इंटर में 81.4 प्रतिशत अंक लाकर उसने अपने स्कूल का नाम रोशन किया था। राजकीय महिला महाविद्यालय से साक्षी ने बीए की डिग्री हासिल की। यूपीएससी (UPSC) की तैयारी के सवाल पर साक्षी ने बताया कि इंटर में 81 प्रतिशत अंक आने के बाद उसने मन ही मन में यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला कर लिया था, लेकिन राबर्ट्सगंज में प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive examinations) की तैयारी के लिए अच्छे साधन नहीं होने के कारण उसने ग्रेजुएशन तक इंतजार करने का फैसला किया।
इंटरव्यू में साक्षी गर्ग से पूछा गया ये सवाल
साक्षी गर्ग (Sakshi Garg) से UPSC Interview के दौरान ऐसे ही कुछ सिचुएशनल सवाल पूछे गए जिसका बहुत ही समझदारी से उन्होंने जवाब दिया और इस जवाब से इंटरव्यू ले रहे अधिकारी बहुत खुश हुए। जब इंटरव्यू में रामनवमी का जुलूस और ताजिया अलग-अलग समय पर निकाले जाएं यह सवाल पूछा तो इसका जवाब देते हुए साक्षी ने कहा कि वह दोनों पक्षों की भावनाओं का सम्मान करते हुए उनके नेताओं से बात करेंगी।
उन्होंने कहा, ‘अगर अलग-अलग रूट से जुलूस निकालना संभव नहीं है तो दोनों के समय में थोड़ा सा बदलाव कर दिया जाए, यानी रामनवमी का जुलूस और ताजिया अलग-अलग समय पर निकाले जाएं, जिसके किसी को भी परेशानी ना हो और हालात ना बिगड़ें। इस पर अधिकारी ने पूछा कि आपने कहा कि समाज में सभी लोग सहिष्णुता यानी शालीनता से रहते हैं, लेकिन मैं तो इस विचारधारा सहमत नहीं हूं क्योंकि आए दिन दंगे होते हैं और छोटी-छोटी बात पर लोग बेकाबू हो जाते हैं। अधिकारी ने कहा कि अगर एक दल जुलूस के समय में बदलाव पर राजी नहीं हुआ तो क्या करेंगी।
Comments
Post a Comment